रमजान-उल-मुबारक का चांद होने का ऐलान होते ही शहर की फिजा में खुशी की लहर दौड़ गई। मस्जिदें इबादत के लिए गुलजार होने लगीं तो बाजारों में रौनक परवान चढ़ने लगी।
उधर, सहरी और इफ्तार का बंदोबस्त करती महिलाएं तो दूसरी ओर सिर पर टोपी लगाए तरावीह के लिए मस्जिदों की ओर जाने की ललक थी।
मरकजी चांद कमेटी ने बुधवार को चांद दिखने का ऐलान किया। कमेटी के अध्यक्ष मौलाना खालिद रशीद फरंगी महली ने बताया कि रमजान का चांद हो गया है। पहला रोजा गुरुवार को रखा जाएगा।
वहीं, शिया मून कमेटी के अध्यक्ष मौलाना सैफ अब्बास नकवी ने भी चांद दिखने का ऐलान कर दिया है। इस्लामिक माह शाबान की 29 तारीख यानी 16 मई को रमजान-उल-मुबारक का चांद देखने के लिए हर कोई व्याकुल था।
रमजान का पवित्र महीना कल से शुरू हो रहा है. देश के तमाम हिस्सों में आज चांद देखा गया. तमिलनाडु, आंध्र प्रदेश और कर्नाटक में कई जगह चांद देखा गया है. रुयात-ए-हिलाल कमेटी और इमारत-ए-हिंद के बीच हुई बैठक ने इस बात की पुष्टि की.
रमजान के मुकद्दस चांद के दीदार के लिए आसमान में लोगों की निगाह टिकी हुई थी। शहर के पुराने इलाकों में घर की छतों पर चांद का दीदार करने की ललक साफ दिखाई दे रही थी। रमजान का चांद दिखने का ऐलान होते ही रोजेदारों में खुशी की लहर दौड़ गई।
रमज़ान क्या है?
दुनियाभर में मुसलमानों के लिए रमज़ान सबसे पवित्र महीना है. रमजान इस्लामी कैलेंडर में नौवां महीना है. ये कैलेंडर चांद की स्थितियों के आधार पर चलता है. हिजरी कैलेंडर की शुरुआत 622 ई. में हुई थी, जब मुहम्मद मक्का से मदीना गए थे.
Source : Amarujala